विनोदी के जीवन का एकमात्र उद्देश्य ये है कि उसके माता -पिता ,भाई -बहन,मित्र गण और हर वो व्यक्ति जिसके संपर्क में वो आता है या हर वो व्यक्ति जो उसके संपर्क में आता है -सदैव खुश रहें ;इसके लिए ये अत्यावश्यक है कि वो भी स्वस्थ रहे एवं उसके संपर्क में आने वाले लोग भी स्वस्थ रहें |
इसी को ध्यान में रखते हुए वो तीन सिद्धांतों या कहें तो नुस्खों का विशेष रूप से अपने जीवन में पालन करता है जिन्हें उसने बचपन में अपने नाना की एक पुस्तक में पढ़ा था और शीघ्र ही आत्मसात कर लिया था -
" स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए हंसो,
दूसरों को स्वस्थ रखने के लिए मुस्कुराओ,
प्रकृति को स्वस्थ रखने के लिए प्रसन्नचित्त रहो ||"
मेरा दिल जलता हुआ सूरज है। बदन के समंदर में बुझता हुआ।
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बदन में पिघले हुए शब्द बहते रहते हैं। धीपते रहते हैं उँगलियों के पोर। सिगरेट
हाथ में लेती हूँ तो लाइटर की ज़रूरत नहीं होती। दिल कमबख़्त, सोया हुआ
ज्वाला...
3 days ago