Friday, October 2, 2009

हास को अपना अस्त्र बना ले(LAUGH OUT LOUD)


















जीवन पथ पे ग़म के बादल
पग पग पे गरजेंगे ही
जाने कब, पर मुसीबतों  की बिजली
सब पर एक दिन गिरनी है ही||

जो चीज़ अटल है उससे
 डरकर जीना बेमौत मरना तो है ही
बेमौत मरे ही क्यूँ हम
जब इक दिन मरना है ही ||

अरे! बिन बादल बरसात 
तो मुश्किल से ही होती है
लेकिन बादल तो अक्सर 
भिगो के जाता है ही ||

फिर ऐसी खुशियों का क्या मतलब
जो बिन कुछ दर्द दिए ही आ जाये
आखिर पीने का असल मज़ा तो तब ही है
जब प्यास चरम तक आ जाये ||


माना कथनी और करनी में
अंतर तो होता ही है
लेकिन प्रयास करना तो
मानव के बस में है ही ||


हर एक चुनौती अवसर है
खुद को बेहतर बनाने का
लेकिन हर बाधा एक मौका है
खुशियों का सागर पाने का ही  ||


तो ग़म ना कर तू ग़म का प्राणी
ये तो बस इक बहाना है
थोडा सा बस धीर तू धर 
आगे खुशियों का खज़ाना तो है ही ||


इसलिए तू  ग़म का खौफ़ ना कर
ये तो उस कड़वी दवा-सी है
जिसको हज़म करने के बाद 
मर्ज़ से राहत मिलती तो है ही  ||


हँसना ही तेरा धर्म है प्राणी
हँसाना ही तेरा कर्म,
हास को अपना अस्त्र बना ले
ग़म -दानव तो आयेंगे ही  ||

"  सदा प्रसन्नचित्त रहिए,
वातावरण को शुद्ध रखिए "


3 comments:

  1. बहुत सुन्दर । स्वागत है ।


    Please remove word verification then it will be easy to comment.


    गुलमोहर का फूल

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  2. बहुत ... बहुत .. बहुत अच्छा लिखा है
    हिन्दी चिठ्ठा विश्व में स्वागत है
    टेम्पलेट अच्छा चुना है. थोडा टूल्स लगाकर सजा ले .
    कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें .(हटाने के लिये देखे http://www.manojsoni.co.nr )
    कृपया मेरे भी ब्लागस देखे और टिप्पणी दे
    http://www.manojsoni.co.nr और http://www.lifeplan.co.nr

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