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जीवन पथ पे ग़म के बादल
पग पग पे गरजेंगे ही
जाने कब, पर मुसीबतों की बिजली
सब पर एक दिन गिरनी है ही||
जो चीज़ अटल है उससे
डरकर जीना बेमौत मरना तो है ही
बेमौत मरे ही क्यूँ हम
जब इक दिन मरना है ही ||
अरे! बिन बादल बरसात
तो मुश्किल से ही होती है
लेकिन बादल तो अक्सर
भिगो के जाता है ही ||
फिर ऐसी खुशियों का क्या मतलब
जो बिन कुछ दर्द दिए ही आ जाये
आखिर पीने का असल मज़ा तो तब ही है
जब प्यास चरम तक आ जाये ||
माना कथनी और करनी में
अंतर तो होता ही है
लेकिन प्रयास करना तो
मानव के बस में है ही ||
हर एक चुनौती अवसर है
खुद को बेहतर बनाने का
लेकिन हर बाधा एक मौका है
खुशियों का सागर पाने का ही ||
तो ग़म ना कर तू ग़म का प्राणी
ये तो बस इक बहाना है
थोडा सा बस धीर तू धर
आगे खुशियों का खज़ाना तो है ही ||
इसलिए तू ग़म का खौफ़ ना कर
ये तो उस कड़वी दवा-सी है
जिसको हज़म करने के बाद
मर्ज़ से राहत मिलती तो है ही ||
हँसना ही तेरा धर्म है प्राणी
हँसाना ही तेरा कर्म,
हास को अपना अस्त्र बना ले
ग़म -दानव तो आयेंगे ही ||
" सदा प्रसन्नचित्त रहिए,
वातावरण को शुद्ध रखिए "
विनोदी के जीवन का एकमात्र उद्देश्य ये है कि उसके माता -पिता ,भाई -बहन,मित्र गण और हर वो व्यक्ति जिसके संपर्क में वो आता है या हर वो व्यक्ति जो उसके संपर्क में आता है -सदैव खुश रहें ;इसके लिए ये अत्यावश्यक है कि वो भी स्वस्थ रहे एवं उसके संपर्क में आने वाले लोग भी स्वस्थ रहें |
इसी को ध्यान में रखते हुए वो तीन सिद्धांतों या कहें तो नुस्खों का विशेष रूप से अपने जीवन में पालन करता है जिन्हें उसने बचपन में अपने नाना की एक पुस्तक में पढ़ा था और शीघ्र ही आत्मसात कर लिया था -
" स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए हंसो,
दूसरों को स्वस्थ रखने के लिए मुस्कुराओ,
प्रकृति को स्वस्थ रखने के लिए प्रसन्नचित्त रहो ||"